दोस्तों जब सोलर सिस्टम की बात आती है तो आपके सामने मुख्य रूप से दो विकल्प आते हैं ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम और ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम यदि आपको सोलर के बारे में अधिक तकनीकी जानकारी नहीं है तो इन दोनों सोलर सिस्टम के बीच चयन करना एक मुश्किल भरा फैसला हो जाता है. ऐसे में यदि आप भी सोलर लगवाने का प्लान कर रहे हैं तो आपको ऑन ग्रिड और ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है.
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम क्या है

क्या है ऑनग्रिड सोलर सिस्टम

जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम ग्रिड के साथ जुड़कर कार्य करता है. यह सिस्टम ऐसे स्थानों के लिए अच्छा है, जहां बिजली की सप्लाई पूरे दिन निर्बाध रूप से चलती रहती है. यह सिस्टम बड़े लोड वाले उद्योग में, स्कूल, कॉलेजों, हॉस्पिटलों आदि के लिए जहां दिन के दौरान ही मुख्य रूप से बिजली की खपत होती है के लिए सबसे अच्छा सोलर सिस्टम है. ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम दिन के दौरान होने वाली आपकी बिजली खपत को लगभग "शुन्य" कर देता है.

कैसे काम करता है ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम दिन में जिस समय सूरज की धूप होती है तब सूर्य की रोशनी को सोलर पैनल के माध्यम से डीसी करंट में परिवर्तित करता है, सोलर पैनलों से प्राप्त डीसी करंट को इस सिस्टम में लगा हुआ इनवर्टर एसी करंट में परिवर्तित कर देता है. इसके बाद यह इनवर्टर सोलर द्वारा बनाई गई ऊर्जा से घर का लोड संचालित करता है.

इसी के साथ यदि घर का लोड कुल बिजली उत्पादन से कम है तो यह सोलर द्वारा बनाई जा रही अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में सप्लाई कर देता है. इसके लिए ऑनग्रिड सिस्टम लगाने के बाद बिजली विभाग द्वारा आपके घर पर एक बाई डायरेक्शनल मीटर की स्थापना की जाती है. इस मीटर में आपके द्वारा की गई बिजली के यूनिट और आपके द्वारा ग्रिड को दिए गए बिजली के यूनिट दोनों दर्ज किए जाते हैं. 

इस प्रकार ऑन गेट सोलर सिस्टम बगैर बैटरी के सीधे सूर्य की ऊर्जा से बिजली का उत्पादन कर हमारे घरेलू कारणों को चलाता है और अतिरिक्त बिजली सरकार को बेचकर कमाई करने का एक अवसर भी प्रदान करता है.


ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के फायदे

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के कई फायदे हैं जिनमें से प्रमुख निम्न है

  • बैटरी रहित होने के कारण ऑफ ग्रिड सिस्टम की अपेक्षा ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में तकनीकी समस्याएं कम आती हैं.
  • एक बार लगाने के बाद इसमें रखरखाव की समस्या नहीं होती तथा दोबारा कोई लागत नहीं लगानी पड़ती.
  • अधिक बिजली का उत्पादन होने पर अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेचकर कमाई भी की जा सकती है.
  • बार-बार बैटरी बदलने का झंझट नहीं होता क्योंकि इस सिस्टम में बैटरी नहीं होती इसलिए एक बार खर्च करने के बाद दोबारा कोई भी खर्चा नहीं करना होता.

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के नुकसान

दोस्तों हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं जहां ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के अपने कुछ विशेष फायदे हैं वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं.

ग्रिड की सप्लाई ना आने की स्थिति में ऑनग्रिड सिस्टम कार्य नहीं करता, यानी यदि आपके यहां अच्छी धूप खिली हुई है लेकिन बिजली की सप्लाई नहीं आ रही तो आपका सोलर सिस्टम कार्य नहीं करेगा.

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में पावर बैकअप की कोई व्यवस्था नहीं होती. आपका सिस्टम सिर्फ तभी तक कार्य करता है, जब तक सूरज की रोशनी रहती है.

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम क्यों लगाना चाहिए

यदि आपको पावर बैकअप की बहुत आवश्यकता नहीं है और आप यह चाहते हैं कि आपका बिजली का बिल अधिकतम बचे तथा दोबारा आपको कोई भी लागत न लगानी पड़े, तो आपके लिए ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम सबसे अच्छा विकल्प रहेगा. बड़े लोड वाले उद्योग धंधों जैसे कोल्ड स्टोरेज, राइस प्लांट, बड़ी फैक्ट्रियों में ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम ही अच्छा रहता है क्यों कि इतने बड़े सिस्टम में बैटरियो का रखरखाव काफी मुश्किल हो जाता है.

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम की कीमत | on grid solar system in hindi

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम की कीमतें बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर कम या ज्यादा हो सकती हैं. हालांकि वर्तमान परिस्थितियों में ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम सोलर सिस्टम के लिए कीमत 50 से ₹55 और बड़े सोलर सिस्टम के लिए 40 से ₹48 तक प्रति वॉट हो सकती है. स्थान, समय, ट्रांसपोर्टेशन आदि के आधार पर कुछ परिवर्तन भी हो सकता है.

क्या ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम पर सब्सिडी मिलती है

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के लिए केंद्र सरकार की ओर से 1 से लेकर 3 किलोवाट तक के सोलर सिस्टम के लिए 40 फीसदी और 10 किलो वाट के सोलर सिस्टम के लिए 30 फीसदी की सब्सिडी प्रदान की जाती है.

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