Off grid solar system kya hai | ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम क्या है? कहां लगाना चाहिए ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम
जब सोलर कि बात आती है तो हमारे सामने ऑफ ग्रिड सोलर, ऑन ग्रिड सोलर, हाइब्रिड सोलर जैसे कई विकल्प होते हैं. ऐसे में हमारे लिए कौन सा विकल्प सबसे अच्छा है? यह चयन करना सबसे बड़ी बात होती है. आपने भी ऑफ ग्रिड, ऑन ग्रिड, हाइब्रिड जैसे शब्द सुने होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इनमें क्या अंतर होता है? यदि नहीं तो इस पोस्ट को ध्यान से पूरा जरुर पढ़ें.

इस पोस्ट में आज हम चर्चा करने जा रहे हैं ऑफ ग्रिड सोलर के बारे में, यहां आज हम आपको बताएंगे कि आखिर ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम क्या होता है? और इसे कहां लगाना चाहिए, क्यों लगवाना चाहिए?



क्या है ऑफ ग्रिड सोलर

जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है यह सोलर सिस्टम बिना ग्रिड के कार्य करने में सक्षम होता है. यानी ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम को कार्य करने के लिए बिजली की आवश्यकता नहीं होती. यह पूरी तरह स्वतंत्र रूप से कार्य करता है. इस सोलर सिस्टम सोलर पैनल, सोलर पीसीयू और बैटरी के इस्तेमाल के से दिन के दौरान उर्जा उत्पन्न करता है तथा अतिरिक्त सोलर ऊर्जा से को बैटरी में स्टोर कर लेता है, इस उर्जा को रात के दौरान प्रयोग करके हमारे घरेलू उपकरणों को पावर सप्लाई देता है.

ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम के लिए बैटरी एक अनिवार्य आवश्यकता होती है बिना बैटरी के सोलर सिस्टम को नहीं चलाया जा सकता.

क्यों लगाना चाहिए ऑफ ग्रिड सोलर

सोलर सिस्टम लगाने से पहले आपको अपनी आवश्यकता का ज्ञान अवश्य होना चाहिए. यदि आप एक ऐसी जगह पर सोलर सिस्टम लगा रहे हैं, जहां बिजली की सप्लाई बहुत कम आती है अथवा ना के बराबर आती है, तो आपको हमेशा ऑफ ग्रिड सिस्टम का ही चयन करना चाहिए. इतना ही नहीं यदि आपको रात के दौरान अथवा दिन में बिजली जाने के बाद पावर बैकअप की भी आवश्यकता है, तो भी आपके लिए ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम सबसे अच्छा विकल्प होगा.

क्या ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम महंगा होता है

ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरी एक अनिवार्य अंग होती है. इसलिए यह ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम की अपेक्षा थोड़ा महंगा होता है, हालाँकि इस सिस्टम कि कीमत बैटरी के प्रकार, उसकी क्षमता, पैनल कि तकनीक, सोलर पीसीयू कि क्षमता और उसकी तकनीक, सोलर पैनलों के प्रकार आदि भी निर्भर होती है.

कहां लगाना चाहिए ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम

यह सोलर सिस्टम बिजली कटौती वाले क्षेत्रों, बिजली की उपलब्धता न होने वाले अथवा पावर बैकअप की आवश्यकता वाले ग्राहकों, घरेलू उपयोग, छोटे अस्पतालों, पेट्रोल पंप आदि के लिए बेहतर विकल्प है. यहां पर ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम आप को सोलर से बिजली उपलब्ध कराता है, वहीं दूसरी तरफ एक सामान्य इनवर्टर की तरह आपको पावर बैकअप का विकल्प भी उपलब्ध कराता है.

बैटरी की वारंटी कितनी होती है

ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण कंपोनेंट बैटरी का चयन सोच समझ कर करना चाहिए. वर्तमान में अच्छी कंपनियों की सोलर बैटरी 5 वर्ष की वारंटी के साथ आ रही है. यानी इन बैटरीओं के लिए आप 5 वर्ष तक पूरी तरह निश्चिंत रह सकते हैं. 5 वर्ष के समय के दौरान यदि बैटरी में कोई भी खराबी होती है तो कंपनी द्वारा आपकी बैटरी फ्री सही कराई जाएगी अथवा आपको नई बैटरी दी जाएगी. यदि आपका बजट कम है तो आप 3 साल वारंटी वाली बैटरी भी प्रयोग कर सकते हैं.

ऑफ ग्रिड सोलर में बैटरी कितने दिन चलती है

जैसा कि आपने पढ़ा, सोलर बैटरी की वारंटी 3 वर्ष से लेकर 5 वर्ष तक होती है वही यदि इनकी लाइफ की बात करें तो उचित रखरखाव और अच्छी क्वालिटी की बैटरी होने की स्थिति में एक सामान्य सोलर बैटरी लगभग 6 से 7 वर्ष आसानी से चल जाती है.

क्या ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम बिजली जाने पर बंद हो जाता है

नहीं ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम का ग्रिड से कोई सीधा संबंध नहीं होता इसलिए बिजली जाने पर भी यह सिस्टम कार्य करना बंद नहीं करता.

क्या ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम को बिजली से भी चार्ज किया जा सकता है

हां आजकल आने वाले ज्यादातर कंपनियों के सोलर पीसीयू में ग्रिड चार्जिंग का विकल्प भी दिया होता है. इसलिए सूरज की रोशनी ना होने अथवा बादल, कोहरा आदि होने की स्थिति में आप अपने सिस्टम को बिजली से भी चार्ज कर सकते हैं और इसे एक साधारण इनवर्टर की तरह प्रयोग कर सकते हैं.

ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम की कीमत 2022 में

ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम प्रति किलो वाट रुपया 55000 से लेकर रुपया 75000 तक हो सकता है. हालांकि सोलर स्ट्रक्चर का प्रकार, सोलर पैनल की क्वालिटी, सोलर बैटरी आदि के आधार पर कीमत में 20 से 30 फीसदीतक का अंतर देखा जा सकता है.

ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम में कौन सा सोलर पैनल लगवाना सही होगा

ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम के लिए आप पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन अथवा बायफेशियल में से अपने बजट और आवश्यकता के अनुसार किसी भी सोलर पैनल का प्रयोग कर सकते हैं. ध्यान रहे कि सोलर पैनल ए ग्रेड की और अच्छी क्वालिटी के होने चाहिए. क्योंकि सोलर पैनल आपके सोलर सिस्टम का एक ऐसा हिस्सा है जो जीवन भर आपका साथ निभाने वाला है, ऐसे में सोलर पैनल चुनते समय आपको सबसे अच्छी क्वालिटी को प्राथमिकता अवश्य देनी चाहिए.

यदि आपका बजट ठीक है तो आप को कम से कम मोनो पैनलों का ही प्रयोग करना चाहिए क्योंकि यह कम जगह में अधिक पावर प्रदान करने में सक्षम होते हैं साथ ही इनकी एफिशिएंसी पॉली पैनल की अपेक्षा अधिक होती है.

ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम के लिए इनवर्टर कौन सा सही होगा

ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम के लिए भारतीय बाजार में इस समय कई कंपनियां जैसे यूटीएल, लुमिनस, एक्साइड, माईक्रोटेक आदि ब्रांड देखने को मिलते हैं. लेकिन इन्वर्टर का चयन करते समय आपको अपने एरिया में कंपनी के सर्विस नेटवर्क के बारे में जानकारी करना आवश्यक है. आपकी एरिया में कंपनी का सर्विस सेंटर है? या आपके घर से आपके शहर से कंपनी का सर्विस सेंटर कितनी दुरी पर है. यदि कम्पनी होम सर्विस दे रही है तो यह पता कर लें कि आपके शहर में कम्पनी का सर्विस इंजिनियर है अथवा नहीं.

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